Compartir
Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi
Shri Ashutosh Chaturvedi
(Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt Ltd
· Tapa Dura
Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi - Chaturvedi, Shri Ashutosh
Sin Stock
Te enviaremos un correo cuando el libro vuelva a estar disponible
Reseña del libro "Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi"
आजादी से पहले और आजादी के बाद के कालखंड में देश के सभी साहित्यकार समाज-निर्माण में लगे थे। पं. बनारसीदास चतुर्वेदी भी उनमें से एक थे। उन्होंने अपनी एक अलग राह चुनी-साहित्य, पत्रकारिता और पत्र लेखन। उन्होंने अनेक आंदोलन चलाए। 'विशाल भारत' और 'मधुकर' नामक पत्रों का संपादन किया। उन्होंने कभी घासलेटी साहित्य के खिलाफ मुहिम छेड़ी, कभी कस्मै देवाय आंदोलन चलाया, तो कभी जनपदीय आंदोलन छेड़ा तो कभी आजादी के बाद शहीदों के साहित्यिक श्राद्ध में जुट गए। गांधीजी के कहने पर प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को उजागर किया और फिजी में गिरमिटिया मजदूरों की स्थिति पर तोताराम सनाढ्य के साथ पुस्तक लिखी। गांधीजी के कहने पर प्रवासी भारतीयों की स्थिति की जानकारी लेने के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा भी की। वह गांधीजी के अनन्य भक्त थे, लेकिन गुरुवर रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर ऐसा कोई समकालीन व्यक्ति नहीं था, जिससे उनका सीधा संपर्क न रहा हो। बनारसीदास चतुर्वेदी ने पत्रों के माध्यम से समाज को जोड़ने और उनकी कुरीतियों को तोड़ने का काम भी किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में हजारों लोगों को एक लाख से अधिक पत्र लिखे। नई पीढ़ी पं. बनारसीदास चतुर्व
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
Todos los libros de nuestro catálogo son Originales.
El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
✓ Producto agregado correctamente al carro, Ir a Pagar.